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गीरनार की गोद में भवनाथ महादेव - जूनागढ़ II Bhavnath Mahadev - Junagadh

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संसार के दुःख को दूर करनेवाले , देवो के देव , गंगाजी को मस्तक पर ग्रहण करनेवाले नंदिधारी , त्रिशूलधारी , जन्म तथा मरण आदि के रोग को दूर करनेवाले सदाशिव परमेश्वर को अगर याद किया जाए तो वह है आशुतोष भवनाथ महादेव. भारत में देवी-देवताओ के असंख्य मंदिर है. यह मंदिरोंमें अनेक   देवताओ की प्रतिमा हमें देखने को मिलाती है. परन्तु शिवमंदिर में शिव स्थापना के स्थान पर “ शिवलिंग ” की ही स्थापना होती है. शिवलिंग समस्त ब्रह्मांड का प्रतीक है. समस्त ब्रह्मांड का समावेश शिवलिंग में होने की कल्पना हिन्दू धर्म में की गई है. गीरनार की गोद में पुराणप्रसिद्ध भगवन भवनाथ महादेव का मंदिर स्थित है. जूनागढ़ की तलेटी में दामोदर कुंड से आगे चलने पर गीरनार दिखाई पड़ता है और सुवर्णरेखा से उतरने पर रास्ते की बाई तरफ श्री दूधेश्वर महादेव की जगह स्थित है. वहा से आगे वस्त्रापथेश्वर महादेव का मंदिर और उसके आगे सामने की तरफ भवनाथ महादेव का मंदिर स्थित है. जूनागढ़ शहरमें गीरनार नामक प्राचीन पर्वत है , कहते है के ये हिमालयसे भी पुराना पर्वत है , पुरानोमें इसका नाम रेवतके नामसे है. गीरनारको   नव नाथ और ६४ देवीओ का स्थान कह