Shivratri Mela - Junagadh II जूनागढ़ सहरमे भवनाथ महादेव और गिरनारकी गोदमें शिवरात्री का अदभुत मेला
Shivratri Mela - Junagadh महादेवजी की कृपासे पिछले ४ सालसे शिवरात्री के मेलेका लाभ प्राप्त हुआ हे उसका अनुभव यहाँ लिख रहा हु राजकोटसे १०२ किलोमीटर की दुरी पर है जूनागढ़. राजकोटसे सुबह ७ बजे बाइक लेके हम निकले. रास्तेमे गोंडल, वीरपुर, जेतपुर और जूनागढ़ शहर पड़ता है, गोंडलमें चाय और नास्ता कर हम करीबन १० बजे जूनागढ़ पुहंचे गिरनार के गेटसे होकर दामोदर कुण्ड, अशोकका शिलालेख और अन्य जगह देखकर भवनाथ दर्शन के लिए पुहंचे.
हम शिवरात्रीके अगले दिन वहा पुहंचे जिससे के भीड़ कम होती है प्रशासनके द्वारा अच्छी पार्किंग सुविधा उपलब्द है थोड़ी
दुरी पर बाइक पार्क करने के बाद हमने भवनाथ महादेव के दर्शन किये उसके बाद बहार
भवनाथ महादेव की चारो तरफ नागा साधूओ के पंडाल लगे हुए होते है देशभर के सभी नागा
साधुओं शिवरात्री के अगले सप्ताहसे ही यही उपस्थित हो जाते है लोगोकी भीड़
शिवरात्री अगले दिन तक कम रहती हे आसपाससे दर्शन के लिए आये हुए दर्शनार्थी साधूके
दर्शन करते हे और भेट और दक्षिणा अर्पण करते है.
नागा साधू के दर्शन के लिए इनसे अच्छा स्थान शायद कोई हो, कुछ साधू काँटों पर
बैठकर अपने आपको कष्ट देते है, कुछ साधू ऐसे भी है जो २० सालसे बेठे नहीं खड़े है
रहते है, कुछ साधू ऐसे है के १५ साल से अपना एक हाथ ऊपर रख कर एक हाथ से सब काम
करते है, एक रुद्राक्ष पहने साधू आकर्षणका केंद्र बने रहते है पुरे शरीर पर
रुद्राक्ष पहने बेठे नजर आते है, ऐसे कई साधूको देखने और उसके दर्शन का लाभ
शिवरात्री के मेलेमें आपको मिलता है इसके लिए आपको एक या दो दिन पहले यहाँ आना
होगा.
मेला देखने के बाद आप भवनाथ के सामने की तरफ भोजन के लिए इतने पंडाल होते हे
हर सहर के उतारे होते है यहाँ सभी पंडालमें भोजन फ्री में मिलता है और वहांसे हम
रामनाथ महादेव के लिये रवाना हुए जुनागढ़से बिलखा और वहाँसे ४ किलोमीटर की दुरी पर
रामनाथ महादेव बिराजमान यह जगह भी प्रकृतिसे हरी भरी है रामनाथ महादेव के दर्शन
किये वहाँ के महंतने कहा प्रसाद लीजिये हमने वहाँ भोजन किया. सालो पहले यहाँ
रामदासबापू ने इस जगह पर तपस्या की है पासमे ३० किलोमीटर की दुरी पर परबधाम है
उसके महंत देवदासबापू के रामदासबापू गुरु थे. रामनाथ महादेवसे २.३० बजे हम निकलकर
हम ३.१५ को परबधाम पुहंचे और वहाँ के संत अमर देवीदासबापू और अमर माँ की समाधी के
दर्शन किये ४ बजे वहाँसे निकलकर हम ७ बजे करीब राजकोट पुहंचे.
गुजरातके मुख्यमंत्री श्री विजयभाई रुपानीने साल २०१७में जूनागढ़के शिवरात्रि
मेले को मिनी कुम्भ घोषित किया और तब उत्तप्रदेशके मुख्यमंत्री श्री योगी
आदित्यनाथभी इस मेले के दर्शन के लिए यहाँ आये थे.
इस बार शिवरात्रि नजदीक है भगवान शिवजी की कृपा रही तो इस बार भी हम शिवरात्रि
के लिए दर्शनको जाने की इच्छा रखते है और शिवरात्रि के मेले और उसके सन्दर्भमें
आगे लिखेंगे.
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