भावनगर शहरका १२८ साल पुराना मंदिर - तख्तेश्वर महादेव II Shree Takhteshwar Temple - bhavnagar

भावनगर शहर के मध्यमे एक छोटीसी पहाड़ी पर सफ़ेद आरस के पत्थरसे निर्माण किया हुआ अप्रतिम मंदिर है तख्तेश्वर महादेव. यह मंदिर भावनगर के राजा तखतसिंहजी महाराजने बनवाया था इसीलिए इसका नाम तख्तेश्वर महादेव रखा गया है. महाराजा तखतसिंहजीने सवंत १०४९ (इसवी सन १९८३) के जनवरीके माहमें महादेवजी की लिंग को प्रतिस्थापित कर लोगो के दर्शन के लिए खोल दिया. महादेवजी लिंग के पास सोने का थाल बनाया गया है. १२८ साल पुराना यह मंदिर है. भावनगर शहरका यह टेलिस्कोप है. यहाँ से पुरे भावनगर शहर का द्रश्य बहुत ही मन मोहक दिखता है. बारिशके मौसममें यहाँ भीगने का आनंदभी रोमांचकारी है. गरमीयोंके मौसममें लोग देर रात तक यहाँ हिल स्टेशन जेसा आनंद लेते है. रविवार के दिन लोग यहाँ पिकनिक मानाने आते है. 

एक कथाके अनुसार महाराजा तखतसिंहजी यात्रा के लिए निकले थे और बोटाद गाँवमें गए. जहाँ एक संतको सर्दिकी मौसममें देखा तो उसने गरम सौल उसको पहना दी. मगर उस संतने अपनी फूंकसे उसे जला दिया. महाराजाको संत कोई सिद्ध पुरुष दिखे तो उसने कहा के मेरे लिए क्या आज्ञा है. संतने गुजरातीमे कहा : 

 તખ્તા કરી લાત હાથ પકતા, 
ફીર આયેગા વક્તા (વક્ત), 
બાત મસ્તરામ બક્તા. 

 तुम मंदिर, दवाखाना, धर्मशाला, स्कूल, कॉलेज का निर्माण करो. तुम्हारे बादभी तुम्हारा नाम रह जायेंगा. इसलिए राजाने यह मंदिर बनवाया. उस संत का नाम था मस्तराम बापू. इस मंदिर गिन्ती शहर की हेरिटेज प्रोपटीजमें होती है. राजकोट और अहमदाबादसे भावनगरकी दुरी १७० किलोमीटरकी है.

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